हमारा जन प्रतिनिधि हो महान
जीतते ही बंगला ले आलिशान
एक दिन में आ जाये बड़ी कार
जन भूखा मरे, रोज जाये "बार"
दिल्ली में बड़े -बड़े नेताओं के
दिन-रात हाथ-पैर दबाता हो
सुबह-सुबह मेडम के टॉमी को
नित तफरी कराने ले जाता हो
पॉँच सालों में खूब कमा ले
स्विस बैंक में खाता बना ले
जमा करा दे सारा धन वहां
कई पीढियों मामला जमा ले
एक बार तो मुझे जीता दो
भाई- बाबा- अम्मा कहता हो
चेहरे पर रहे मुस्कान ऐसी
जैसे मंजा हुआ अभिनेता हो
हमारा जन प्रतिनिधि ऐसा हो
जनता पर रखे अपना मन
जब जीत जाये वो चुनाव तो
आकर दे सबको "दूरदर्शन"
आपका
शिल्पकार
फोटो गूगल से साभार
’दूरदर्शन’ बिल्कुल सटीक ।
धन्यवाद विवेक जी-स्वागत है,
सभी तो वैसे ही हैं,जैसा आप चाह्ते हैं,बस ध्यान से देखने की ज़रूरत है,एकाध नही है तो वो भी सुधर जायेंगे धीरे धीरे,सुना है ना खरबूज़े को देख कर खरबुज़ा रंग बदलता है।
अनिल भैया जोहार ले,
खरबुजे का रंग बदल जाने दो
कमाने का ढंग बदल जाने दो
ये कितने..(आपके आशीष वचन)..है
कुछ नोटों को जंग लग जाने दो।
शर्मा जी दो लेने मैं भी जोड़ रहा हूँ :
हमारा जनप्रर्तिनिधि हो ऐसा,
जिसके घर में भी और प्रतिनिधियों की तरह भरष्टाचार का वास हो
खूब कमाए, और भगवान् करे , आखिर में उसका भी सत्यानाश हो
वाह-वाह गोदियाल साह्ब आपने पुर्ण कर दिया
सत्यानाश ही नही सवासत्यानाश होगा। आभार
क्या यार अपने वालों के पीछे पड़ गये ? जय हो
देश का नेता कैसा हो ..नारे का विस्तार आज मालूम हुआ ।