आज सुबह-सुबह श्रीमती ने जगाया
हाथ में चाय का कप थमाया
तो मैंने पूछा- क्या टाइम हुआ है?
मुझे लगता नहीं कि अभी सबेरा हुआ है
बोली ब्रम्ह मुहूर्त का समय है,चार बजे हैं
और आप अभी तक खाट पर पडे हैं
मालूम नहीं आज नरक चौदस है
आज जो ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान करता है
वो सीधा स्वर्ग में जाता है
वहां परम पद को पता है
जो सूर्योदय के बाद स्नान करता है
वो सारे नरकों को भोगता है
चलो उठो और नहाओ
यूँ घर में आलस मत फैलाओ
मैंने कहा मेडम कृपा करके
तुम मुझे तो सोने दो
मुझे नहीं जाना स्वर्ग में
यही नर्क में ही रहने दो
मैं स्वर्ग में नहीं रह सकता हूँ
वहाँ जाकर मै उकता जाऊंगा
सारे दोस्त तो नरक में ही मिलेंगे
इसलिए स्वर्ग में क्या लेने जाऊंगा?
उनके पास कई जन्मों का पुण्य संचित है
इसलिए हमारा नरक में ही रहना उचित है
फिर वहां रम्भा,मेनका, उर्वशी
जैसी अप्सराओं से तुम्हे डाह होगी
तुम्हारे होठों पर एक आह होगी
कोई लाभ नहीं होगा बाद पछताने में
इसलिए क्या बुरा है नरक आजमाने में
शूर्पनखा, ताड़का, मंथरा को देखकर
वहां मेरा मन वहां नहीं भटकेगा
आखिर आसमान का गिरा
खजूर पर ही अटकेगा ,
श्रीमती मान गई- और बोली
अगर ये बात है तो जाओ,सो जाओ
अगर नही नहाना है तो नरक ही जाओ
हाथ में चाय का कप थमाया
तो मैंने पूछा- क्या टाइम हुआ है?
मुझे लगता नहीं कि अभी सबेरा हुआ है
बोली ब्रम्ह मुहूर्त का समय है,चार बजे हैं
और आप अभी तक खाट पर पडे हैं
मालूम नहीं आज नरक चौदस है
आज जो ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान करता है
वो सीधा स्वर्ग में जाता है
वहां परम पद को पता है
जो सूर्योदय के बाद स्नान करता है
वो सारे नरकों को भोगता है
चलो उठो और नहाओ
यूँ घर में आलस मत फैलाओ
मैंने कहा मेडम कृपा करके
तुम मुझे तो सोने दो
मुझे नहीं जाना स्वर्ग में
यही नर्क में ही रहने दो
मैं स्वर्ग में नहीं रह सकता हूँ
वहाँ जाकर मै उकता जाऊंगा
सारे दोस्त तो नरक में ही मिलेंगे
इसलिए स्वर्ग में क्या लेने जाऊंगा?
उनके पास कई जन्मों का पुण्य संचित है
इसलिए हमारा नरक में ही रहना उचित है
फिर वहां रम्भा,मेनका, उर्वशी
जैसी अप्सराओं से तुम्हे डाह होगी
तुम्हारे होठों पर एक आह होगी
कोई लाभ नहीं होगा बाद पछताने में
इसलिए क्या बुरा है नरक आजमाने में
शूर्पनखा, ताड़का, मंथरा को देखकर
वहां मेरा मन वहां नहीं भटकेगा
आखिर आसमान का गिरा
खजूर पर ही अटकेगा ,
श्रीमती मान गई- और बोली
अगर ये बात है तो जाओ,सो जाओ
अगर नही नहाना है तो नरक ही जाओ
आपका
शिल्पकार
अच्छी रचना है .. दीपावली की बधाई और शुभकामनाएं !!
मैं भी नाह लिया शर्मा जी ,:) आपको भी इस नरक चौदस की ढेरो शुभकामनाये !
achhi rachna hai.......divali ki shubhkamnayen
मालूम हो गया जी, शुक्रिया।
दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
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आइए हम पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।
संगीता पुरी जी, आपको दीपावली की बधाई
पी.सी.गोदियाल जी,आपको दीपावली की बधाई
विकास जी,आपको दीपावली की बधाई
HA HA HAAAAAAAAAAAAAAAAAAAHA
HAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAHA
HAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAHAAAAAAAAAAAAAAAAAAHAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAHA HA HA DIVALI KI SHUBH KAMNAYEN
कोटिश:बधाई हो दी्पावली की सुनील भाई
मजेदार, मै भी आज नही नहाया. मेरा क्या होगा?
वर्मा जी आप नही नहाए तो बहुत अच्छा किया, आप भी सुचीबद्ध किए जाते हैं,सुबह नुक्कड़ पे गिरीजेश की कह गये हैं उनके हिसाब से वो सारी सुविधाओं के आप हकदार बन गये हैं। बधाई हो
दीपावली की शुभकामनाएँ।
बढिया रचना....
दीपावली की आपको हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!!!!!