जवान हो गया
जब से एक नन्ही परी
आदेश लायी वनराजा से
सबको बांटा जाएगा
यौवन
अब के मदन महोत्सव में
बोनस के रूप में
मैंने भी सोचा
यौवन वितरण
कितना पुनीत कार्य है!
मैं भी अपनी केंचुली
बदल लूँगा,
बूढी शाखाओं में
कोंपले फूटेंगी,
फ़िर आपस में
वे बुझेंगी
तू बता
मैं कल जैसी नही लग रही हूँ?
बड़ी उमंगें भर लाया संदेश
सावनी हिंडोले ने
जर्जर बुढापे को
पींगे मार-मार कर हिला डाला था।
सावनी बयार मेघदूतजैसी थी
हर तरफ उमंगे जवान थी,
मेरी मन में भी जवान होने की कसक थी
सोच कर बूढी हड्डियों में
एक सिरहन सी दौड़ गयी
सहसा विराम लग गया,
मै जाग चुका था,
वो मेरा सपना टूट चूका था।
वो सिरहन का अहसास अभी तक बाकी है,
आपका
शिल्पकार
(फोटो गूगल से साभार)
badiya kavita bani hai