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गुगल बाबा

इंडी ब्लागर

 

मेरी एक कविता भी आज गायब हो गयी है!!!!!!!!!

लिखा था
एक दर्द भरा अफसाना
दी थी मैंने 
एक श्रद्धांजलि
उनको
जिन्हें पता ही नही था
कब काल ने आकर
चुपके से गलबैहियाँ डाल दी
चारों ओर हा हा कार
मचा हुआ था
दौड़ रहे थे लोग 
पागल होकर
रोते बिलखते
अपने परिजनों को 
लाशों में ढूंढ़ते हुए
आसमान में मंडराते हुए 
गिद्ध, चील, कौवे 
भी चीत्कार रहे थे 
मौत का भीषण तांडव
हो रहा था 
जिस देखकर 
यमदूत भी भाग खड़े हुए थे
कैसे गिने इतनी लाशें? 

उस दिन लिखी
मेरी एक कविता भी
आज गायब हो गयी है
शायद मुंह छुपा रही है 
आज सामने आने से 
सरकार की तरह
क्योंकि उसे उत्तर देना है
इन हत्याओं का अपराधी 
एंडरसन कैसे भाग गया?
कैसे भाग गया?


आपका
शिल्पकार


Comments :

13 टिप्पणियाँ to “मेरी एक कविता भी आज गायब हो गयी है!!!!!!!!!”
विवेक रस्तोगी ने कहा…
on 

एंडरसन कैसे भाग गया ?

बड़ा यक्ष प्रश्न है केवल सरकार के सामने ही नहीं हमारे समाज के सामने भी, जिन्होंने सरकार चुनी है।

Khushdeep Sehgal ने कहा…
on 

सीने में जलन, आंखों में तूफ़ान सा क्यो है,
इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों है...

जय हिंद...

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…
on 

एंडरसन कैसे भाग गया ? बड़ा यक्ष प्रश्न है?

राजीव तनेजा ने कहा…
on 

भोपाल त्रासदी और सरकारी रवैया...अब क्या कहें?

Unknown ने कहा…
on 

एक तो जाने लाल बुझक्कड़ दूसर जाने ना कोय।
नेता-अफसर की जेबें भर कर एंडरसन भागे होय॥

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…
on 

उस दिन लिखी

मेरी एक कविता भी

आज गायब हो गयी है

शायद मुंह छुपा रही है

आज सामने आने से

सरकार की तरह

क्योंकि उसे उत्तर देना है

इन हत्याओं का अपराधी

एंडरसन कैसे भाग गया?

कैसे भाग गया?

बेहद भाव पूर्ण शर्दान्जली आपने गैस पीडितो को दी, ललित जी !

निर्मला कपिला ने कहा…
on 

उस दिन लिखी
मेरी एक कविता भी
आज गायब हो गयी है
शायद मुंह छुपा रही है
आज सामने आने से
सरकार की तरह
क्योंकि उसे उत्तर देना है
इन हत्याओं का अपराधी
एंडरसन कैसे भाग गया
सटीक अभिव्यक्ति गैस पीडितों को हमारी भी विनम्र श्रद्धाँजली

शरद कोकास ने कहा…
on 

बहुत खून जलाना पडता है ललित भैया तब एक कविता निकलती है 25 साल पहले लिखी आपकी कविता के गुम हो जाने की व्यथा तो मै कल से सुन रहा हूँ .. । कोई बात नहीं .. फिर नई कविता बन जायेगी ..इस पर न सही तो आनेवाली किसी अन्य त्राज़दी पर .. कविता लिखने से उस पापी एंडरसन का क्या बिगड़ने वाला है । वह फिर फिर हत्या करेगा ।

राज भाटिय़ा ने कहा…
on 

एंडरसन कैसे भाग गया ?
आप के इस सवाल मै बहुत से सवाल छिपे है, बस खुन जलता है, हम अपने ही देश मै यतीमो की तरह है..... हम हिन्दू मुस्लिम आपस मै लड रहे है, या हमे कोई लडवा रहा है ओर हमारे सर पर असल मै राज किस का है? जिस दिन यह बात हम नासमझो को समझ आ जाये गी उस दिन यह एंडरसन कैसे भाग गया ? का जबाब भी मिल जायेगा

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…
on 

कौन करे किसकी फिकर, दुनिया है अपने में मस्त,

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…
on 

एंडरसन कैसे भाग गया
ई एन डी याने होता है एंड याने खात्मा
डर का खात्मा उस एंडरसन में डर का खात्मा हो
चुका है. उसकी आत्मा मर चुकी है, पर अब
सरकार के भरोसे भी क्या रहना सरका आर
याने सरका यार (हटा) बात गयी रात गयी
तब? हम जनता जनार्दनो की ही जिम्मेदारी
बनती है की ना कर तू सरकार की दरकार
सब हो जाएँ एक जुट और कर डालें कुछ उनके
लिए जो पीड़ित हैं तन/मन/धन/ से, जैसा बन पड़े सहयोग आपकी कविता पढ़कर यह टिपण्णी करने का बन गया योग

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…
on 

वाह शर्मा जी, गजब की व्यंग्यबोध रचना लिखते रहिये.. साधुवाद...

GK Khoj ने कहा…
on 

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