सरकार की योजनायें पहले फाईलों में चलती थी अब कार्डों में चल रही है, एक आदमी को जीना है तो पता नहीं कितने कार्ड संभाल कर रखे पड़ते हैं, जिनमे सिर्फ आंकड़े ही भरे जा रहे हैं और उससे ज्यादा कुछ नहीं हो रहा है. आजादी के ६३ सालों के बाद भी लोग भुखमरी से मर रहे हैं. इन कार्डों के एक बानगी देखिये.
लोकशाही बीमार पड़ी जनरल वार्ड में,
गरीबों की सांसे दर्ज हैं राशन कार्ड में।
सांसें भी गिनकर उन्हें ही मिलेंगी,
जिनका नाम दर्ज है वोटर कार्ड में।
किसान खुदकुशी कर रहे हैं भुखमरी से,
जीवन उनका दर्ज है किसान कार्ड में ।
अपने हक की मांग जब करो सरकार से,
पहले नाम दर्ज करवाओ मेमोरी कार्ड में ।
बीमार लोकशाही का इलाज कौन करे,
सुना है डाक्टर व्यस्त है पेन कार्ड में।
आपका
शिल्पकार
लोकशाही बीमार पड़ी जनरल वार्ड में,
गरीबों की सांसे दर्ज हैं राशन कार्ड में।nice
शानदार रचना!!
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
सुन्दर कवीता.
कोलकाता मे बिरला कला अकादमी मे हमारे प्रदेश की ख्यात चित्रकार (चित्रकारा) डा. सुनीता वर्मा की प्रदर्शनी आज और कल के लिये लगी है. कोलकाता के ब्लागर भाई समय निकाल कर सुनीता जी के पेंटींग्स का अवलोकन करे.
अद्भुत!
किसान खुदकुशी कर रहे हैं भुखमरी से,
जीवन उनका दर्ज है किसान कार्ड में ।
yahi to hamari vidambana hai ki sab kuch kagaj par hi hai vastavikata se pala pade to sab hil jaye par kaun jaye garibon ke bare me sochane unhe to card banane se hi fursat nahi hai..bahut badhiya kavita..dhanyawaad
लोकशाही बीमार पड़ी जनरल वार्ड में,
गरीबों की सांसे दर्ज हैं राशन कार्ड में।
सांसें भी गिनकर उन्हें ही मिलेंगी,
जिनका नाम दर्ज है वोटर कार्ड में।
सुबह-सुबह करारी चोट, ललित जी !
बने जोरदार कविता लिखे महराज!
बहुत सही कहा है .....सरकार पर करारा चोट...!
बीमार लोकशाही का इलाज कौन करे,
सुना है डाक्टर व्यस्त है पेन कार्ड में।
क्या बात है ललित भाई, रचना बहुत सुंदर लगी.
धन्यवाद
ek sateek vyang system par......
waah !!! aur aah dono hai bhaai!!!
कखरो स्टेटस देखना हे त देखौ
ओखर घर के बिहाव के निमंत्रण कार्ड में
भइगे जोड़ देंव महू अलकरहा
बने लिखे हस महराज, एही तो तोर राज आय