आज बालदिवस पर 36 गढ़ी भाषा में लिखी अपनी एक कविता प्रस्तुत कर रहा हूं, और साथ ही साथ इसमें प्रयुक्त कुछ विशेष शब्दों के अर्थ भी दे रहा हूँ.
उठ जा बाबु आंखी खोल
होगे बिहनिया हल्ला बोल
फूसमुंहा तैं बासी खाबे
थारी धर के स्कूल जाबे
स्कुल जा के पट्टी फोर
अऊ पेन्सिल ला कसके घोर
मास्टर ला तैं गारी देबे
चाक चोरा के खीसा भरबे
सरकारी पुस्तक ला तैं चीर
बांटी खेलबे त बनबे बीर
पढ़े के बेरा पेट पिराही
दांतों पिराही मुडो पिराही
भात खा के दुक्की भाग
मनटोरा के चोरा ले साग
समारू घर के आमा तोर
देखिस तेखर आंखी फोर
बरातू ब्यारा के राचर छोर
ढील दे गरुआ होगे भोर
दाई ददा के मूड ला फोर
डोकरा बबा के धोती छोर
डोकरी दाई के चश्मा हेर
खई लेय बर ओला घेर
इही बूता मा तरक्की करबे
बहुत बड़े तैं साहब बनाबे
बाबु आघू-आघू बढे चल
तैं चेत लगा के पढ़े चल
आपका
शिल्पकार
शब्दार्थ
बाबु=बच्चा
आंखी=आँख
बिहनिया=सुबह
फूस मुंहा=बिना मंजन करे
बासी=३६ गढ़ का भोजन जिसमे चावल को
रात भर पानी में डूबा कर सुबह खाते हैं.
थारी=थाली
धर के=ले कर
जाबे=जायेगा
पट्टी=स्लेट
फोर= फोड़
खीसा=जेब
चोराके =चोरी करके
बांटी= कंचे
बनबे =बनेगा
बेरा=समय
पिराही=दुखेगा, दर्द करेगा
मुडो= सर भी
दुक्की= दो नंबर
टोर=तोड़
देखिस=देखना
ब्यारा=खलिहान
राचर=खलिहान का दरवाजा
ढील दे=छोड़ दे
गरुवा=पशु ,मवेशी
दाई-ददा= माँ बाप
डोकरा बबा=दादा
छोर=खोलना
डोकरी दाई=दादी
हेर=निकाल
खई=बच्चों के खाने की चीजें
बुता=काम
तरकी- तरक्की
करबे=करेगा
बनबे=बनेगा
आघू= आगे
चेत=ध्यान
पूरी तरह समझ नहीं आयी। आभार
बेटे, आंख खोल सुबह हो गई , अपनी तैयारी शुरु कर, बिना दांत माजे ही बासी खाके, ठाले रख और स्कूल जा ! स्कूल में जाके अपने स्लेट फोड़/ तोड़ देना उसमे पेन्सिल से जोर लगा के !मास्टर गाली देगा तुम चाक चोर के जेब में रख लेना , स्कूल की सरकारे किताब को फाड़ देना और कंचे खेल कर अपनी वीरता दिखाना !.... इत्यादि इत्यादि...!
ललित जी, आपको राज की बात बताऊ, मैं भी पहले बिहारी ही था मेरा मतलब छतीसगढ़ी ! मेरे परदादा के परदादा वहाँ से बद्रीनाथ घूमने गए थे और वहीं बस गए और तब से मै पहाडी बन गया ! :))
ललित जी बेहतर..शब्दार्थ से समझ सका..ये आपने ठीक किया शब्दार्थ दे दिया....
बच्चों के लिए आपके भाव बहुत नाजुक हैं। आपको बाल दिवस की बहुत बहुत ‘ाुभकामनाएं।
रचना ने दिल को गुदगुदाकर रख दिया।
शब्दार्थ से आपकी कविता समझ पाई पर बच्चों की कविता को आपने जोरदार व्यंग बना दिया ।