होली के अवसर प्रकाशन के लिए एक गीत लिखा था, जब ब्लाग जगत पे फगुनाहट की आहट हुयी तो उसे भेज दिया सम्मानित कराने के लिए, ...........चलो लगे हाथ बहती गंगा में स्नान कर लिया जाए....सम्मान भी हुआ और फगुनाहट पर हमारा गीत दुसरे नंबर पर था.......उपविजेता घोषित किया गया कल धूमधाम से.... लेकिन मिठाई से वंचित रह गये.....शायद मतदाताओं को पता था गीतकार मधुमेह से ग्रसित है और मिठाई खाना इनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है........ इसलिए इतने ही मत मिले की ना मरे ना मोटाय............किसी तरह मधुमेह से बचाय.........जिन्होंने इसे सराहा और मुझे अपना आशीर्वाद दिया.......मैं उनका हार्दिक आभारी हूँ.......मंचीय कवि नहीं हूँ इस लिए मंच के स्तर की नहीं लिख पाता.....लेकिन २७ वर्षों से शब्दों का समीकरण बैठा रहा हूँ........जोड़ तोड़ करके कुछ गढ़ देता हूँ और उसे अब ब्लाग पर लगा कर स्वांत: सुखाय की भावना से आत्म संतुष्टि पा लेता हूं......इदं नमम् के भाव से अर्पित कर देता हुँ..........आज कल छंद बद्ध गीत नहीं लिखे जा रहे अवधिया जी का कहना था.....तो एक प्रयास किया था हमने.......छंद का ज्ञान तो अब भूल चुके हैं........लेकिन अब पुन: याद करके मात्राएँ.....लिखना चाहेंगे....... प्रतियोगिता में शामिल गीत को प्रस्तुत कर रहा हूं...........आशीर्वाद चाहूँगा..........बुरा ना मानो होली है.
सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
कंचनकाया कनक-कामिनी, वह गाँव की छोरी
चन्द्रमुखी चंदा चकोर चंचल अल्हड-सी गोरी.
ठुमक ठुमक कर ठिठक-ठिठक कर करती मस्त ठिठोली.
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
कंचनकाया कनक-कामिनी, वह गाँव की छोरी
चन्द्रमुखी चंदा चकोर चंचल अल्हड-सी गोरी.
ठुमक ठुमक कर ठिठक-ठिठक कर करती मस्त ठिठोली.
सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
छन-छन, छनक-छनन छन पायल मृदुल बजाती
सन-सन सनक सनन सन यौवन-घट को भी छलकाती
रंग रंगीले रसिया के छल से भीगी नव-चोली
सन-सन सनक सनन सन यौवन-घट को भी छलकाती
रंग रंगीले रसिया के छल से भीगी नव-चोली
सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
पीताम्बर ने प्रीत-पय की भर करके पिचकारी
मद-मदन मतंग मीत के तन पर ऐसी मारी
उर उमंग उतंग क्षितिज पर लग गई जैसे गोली
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
पीताम्बर ने प्रीत-पय की भर करके पिचकारी
मद-मदन मतंग मीत के तन पर ऐसी मारी
उर उमंग उतंग क्षितिज पर लग गई जैसे गोली
सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
गज गामिनी संग गजरा के गुंजित सारा गाँव
डगर-डगर पर डग-मग डग-मग करते उसके पांव
सहज- सरस सुर के संग सजना खाये भंग की गोली
सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
आपका
शिल्पकार
(चित्र गुगल से साभार)
गज गामिनी संग गजरा के गुंजित सारा गाँव
डगर-डगर पर डग-मग डग-मग करते उसके पांव
सहज- सरस सुर के संग सजना खाये भंग की गोली
ललित ने खूब मनायी होली।
बहुत सुन्दर - प्रसंसनीय।
होली की शुभकामनाएं।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
रस आयो,
ललिता कविता
होली की बधाई।
पुरानी चोली के लिए भी कुछ रचिए :)
Bahut bhadiya..Aabhar!!
Holi ki hardik shubhkaamanae
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
पुनि पुनि रस पायो घनश्याम...यहाँ घनश्याम याने मैं :)
आपको सेम पिंच..मधुमेह ग्रसित प्राणी होने की वजह से... :) हा हा!
होली मुबारक!
छन-छन, छनक-छनन छन पायल मृदुल बजाती
सन-सन सनक सनन सन यौवन-घट को भी छलकाती
रंग रंगीले रसिया के छल से भीगी नव-चोली
रसमय कर दिया
पीताम्बर ने प्रीत-पय की भर करके पिचकारी
मद-मदन मतंग मीत के तन पर ऐसी मारी
उर उमंग उतंग क्षितिज पर लग गई जैसे गोली
सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
बहुत खूब ललित जी !
आप और आपके परिवार को होली की शुभकामनाएँ...nice
सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
वाह ,मजा आ गया इन फागुनी लाइनों से....
आप को सपरिवार होली की शुभकामनाएं.
होली है होली है ललित भाई की बोली है होली है
vaah kuchh mat pooncchiye !kyaa haalat kar dee hai apne!
छन-छन, छनक-छनन छन पायल मृदुल बजाती
सन-सन सनक सनन सन यौवन-घट को भी छलकाती
...बहुत खूब .... छा गये ललित भाई !!!!
आप और आपके परिवार को होली की शुभकामनाएँ.
सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
बहुत ही सुंदर गीत बिलकुल आप की मिठाई की तरह से, मै तो इसे गुण गुनाने लगा हुं मस्ती मै,
ध्न्यवाद
kin shabdon mein prashansa karoon samajh nahi aa raha..........holi ka geet aur wo bhi itna laybaddh aur kavya shilp mein bandha huaa ki usi mein doob gaye ..........ati sundar.
holi ki hardik badhayi.
आपको होली की बहुत-बहुत बधाई ।
नाचो गिरधारी नाचो!
आपको होली पर्व की घणी रामराम.
रामराम
बधाई जी बधाई ..
यो लो होल्ली आई
ये लो होली को मस्त करने का मंतर और अविनाश जी के मोबाइल होली से बचने कि जड़ी बूटी -
फागुन आया भाग से भर ले दो दो घूट
दो दिन की है जिंदगी फिर जायेगी छूट
फिर जायेगी छूट , अभी मस्ती में जी ले
फिर फागुन का पता नहीं है पी ले पी ले