शिल्पकार. Blogger द्वारा संचालित.

चेतावनी

इस ब्लॉग के सारे लेखों पर अधिकार सुरक्षित हैं इस ब्लॉग की सामग्री की किसी भी अन्य ब्लॉग, समाचार पत्र, वेबसाईट पर प्रकाशित एवं प्रचारित करते वक्त लेखक का नाम एवं लिंक देना जरुरी हैं.
रफ़्तार
स्वागत है आपका

गुगल बाबा

इंडी ब्लागर

 

रंग रंगीले रसिया के छल से भीगी नव-चोली -------------हो्ली है------ललित शर्मा

होली के अवसर प्रकाशन के लिए एक गीत लिखा था, जब ब्लाग जगत पे फगुनाहट की आहट हुयी तो उसे भेज दिया सम्मानित कराने के लिए, ...........चलो लगे हाथ बहती गंगा में स्नान कर लिया जाए....सम्मान भी हुआ और फगुनाहट पर हमारा गीत दुसरे नंबर पर था.......उपविजेता घोषित किया गया कल धूमधाम से.... लेकिन मिठाई से वंचित रह गये.....शायद मतदाताओं को पता था गीतकार मधुमेह से ग्रसित है और मिठाई खाना इनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है........ इसलिए इतने ही मत मिले की ना मरे ना मोटाय............किसी तरह मधुमेह से बचाय.........जिन्होंने इसे सराहा और मुझे अपना आशीर्वाद दिया.......मैं उनका हार्दिक आभारी हूँ.......मंचीय कवि नहीं हूँ इस लिए मंच के स्तर की नहीं लिख पाता.....लेकिन २७ वर्षों से शब्दों का समीकरण बैठा रहा हूँ........जोड़ तोड़ करके कुछ गढ़ देता हूँ और उसे अब ब्लाग पर लगा कर स्वांत: सुखाय की भावना से आत्म संतुष्टि पा लेता हूं......इदं नमम् के भाव से अर्पित कर देता हुँ..........आज कल छंद बद्ध गीत नहीं लिखे जा रहे अवधिया जी का कहना था.....तो एक प्रयास किया था हमने.......छंद का ज्ञान तो अब भूल चुके हैं........लेकिन अब पुन: याद करके मात्राएँ.....लिखना चाहेंगे....... प्रतियोगिता में शामिल गीत को प्रस्तुत कर रहा हूं...........आशीर्वाद चाहूँगा..........बुरा ना मानो होली है.

सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..
खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
 

कंचनकाया कनक-कामिनी, वह गाँव की छोरी
चन्द्रमुखी चंदा चकोर चंचल अल्हड-सी गोरी.
ठुमक ठुमक कर ठिठक-ठिठक कर करती मस्त  ठिठोली.
 

सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..
खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
 
छन-छन, छनक-छनन छन पायल मृदुल बजाती
सन-सन सनक सनन सन यौवन-घट को भी छलकाती
रंग रंगीले रसिया के छल से भीगी नव-चोली
 
सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..
खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..

पीताम्बर ने प्रीत-पय की भर करके  पिचकारी
मद-मदन मतंग मीत के तन पर ऐसी मारी
उर उमंग उतंग क्षितिज पर लग गई जैसे गोली
 

सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..
खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली.. 

गज गामिनी संग गजरा के गुंजित सारा गाँव
डगर-डगर पर डग-मग डग-मग करते उसके पांव
सहज- सरस सुर के संग सजना खाये भंग की गोली
 

सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..
खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..

आपका
शिल्पकार
(चित्र गुगल से साभार

Comments :

16 टिप्पणियाँ to “रंग रंगीले रसिया के छल से भीगी नव-चोली -------------हो्ली है------ललित शर्मा”
श्यामल सुमन ने कहा…
on 

गज गामिनी संग गजरा के गुंजित सारा गाँव
डगर-डगर पर डग-मग डग-मग करते उसके पांव
सहज- सरस सुर के संग सजना खाये भंग की गोली

ललित ने खूब मनायी होली।

बहुत सुन्दर - प्रसंसनीय।

होली की शुभकामनाएं।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

गिरिजेश राव, Girijesh Rao ने कहा…
on 

रस आयो,
ललिता कविता
होली की बधाई।

पुरानी चोली के लिए भी कुछ रचिए :)

रानीविशाल ने कहा…
on 

Bahut bhadiya..Aabhar!!
Holi ki hardik shubhkaamanae
http://kavyamanjusha.blogspot.com/

Udan Tashtari ने कहा…
on 

पुनि पुनि रस पायो घनश्याम...यहाँ घनश्याम याने मैं :)


आपको सेम पिंच..मधुमेह ग्रसित प्राणी होने की वजह से... :) हा हा!


होली मुबारक!

M VERMA ने कहा…
on 

छन-छन, छनक-छनन छन पायल मृदुल बजाती
सन-सन सनक सनन सन यौवन-घट को भी छलकाती
रंग रंगीले रसिया के छल से भीगी नव-चोली
रसमय कर दिया

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…
on 

पीताम्बर ने प्रीत-पय की भर करके पिचकारी
मद-मदन मतंग मीत के तन पर ऐसी मारी
उर उमंग उतंग क्षितिज पर लग गई जैसे गोली

सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..

बहुत खूब ललित जी !

Randhir Singh Suman ने कहा…
on 

आप और आपके परिवार को होली की शुभकामनाएँ...nice

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…
on 

सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
वाह ,मजा आ गया इन फागुनी लाइनों से....
आप को सपरिवार होली की शुभकामनाएं.

drsatyajitsahu.blogspot.in ने कहा…
on 

होली है होली है ललित भाई की बोली है होली है

Arvind Mishra ने कहा…
on 

vaah kuchh mat pooncchiye !kyaa haalat kar dee hai apne!

कडुवासच ने कहा…
on 

छन-छन, छनक-छनन छन पायल मृदुल बजाती
सन-सन सनक सनन सन यौवन-घट को भी छलकाती
...बहुत खूब .... छा गये ललित भाई !!!!

राज भाटिय़ा ने कहा…
on 

आप और आपके परिवार को होली की शुभकामनाएँ.
सजना सम्मुख सजकर सजनी
खेल रही है होली..खेल रही है होली गोरी खेल रही है होली..
बहुत ही सुंदर गीत बिलकुल आप की मिठाई की तरह से, मै तो इसे गुण गुनाने लगा हुं मस्ती मै,
ध्न्यवाद

vandana gupta ने कहा…
on 

kin shabdon mein prashansa karoon samajh nahi aa raha..........holi ka geet aur wo bhi itna laybaddh aur kavya shilp mein bandha huaa ki usi mein doob gaye ..........ati sundar.

holi ki hardik badhayi.

Mithilesh dubey ने कहा…
on 

आपको होली की बहुत-बहुत बधाई ।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…
on 

नाचो गिरधारी नाचो!

आपको होली पर्व की घणी रामराम.

रामराम

Padm Singh ने कहा…
on 

बधाई जी बधाई ..
यो लो होल्ली आई
ये लो होली को मस्त करने का मंतर और अविनाश जी के मोबाइल होली से बचने कि जड़ी बूटी -

फागुन आया भाग से भर ले दो दो घूट

दो दिन की है जिंदगी फिर जायेगी छूट

फिर जायेगी छूट , अभी मस्ती में जी ले

फिर फागुन का पता नहीं है पी ले पी ले

 

लोकप्रिय पोस्ट

पोस्ट गणना

FeedBurner FeedCount

यहाँ भी हैं

ईंडी ब्लागर

लेबल

शिल्पकार (94) कविता (65) ललित शर्मा (56) गीत (8) होली (7) -ललित शर्मा (5) अभनपुर (5) ग़ज़ल (4) माँ (4) रामेश्वर शर्मा (4) गजल (3) गर्भपात (2) जंवारा (2) जसगीत (2) ठाकुर जगमोहन सिंह (2) पवन दीवान (2) मुखौटा (2) विश्वकर्मा (2) सुबह (2) हंसा (2) अपने (1) अभी (1) अम्बर का आशीष (1) अरुण राय (1) आँचल (1) आत्मा (1) इंतजार (1) इतिहास (1) इलाज (1) ओ महाकाल (1) कठपुतली (1) कातिल (1) कार्ड (1) काला (1) किसान (1) कुंडलियाँ (1) कुत्ता (1) कफ़न (1) खुश (1) खून (1) गिरीश पंकज (1) गुलाब (1) चंदा (1) चाँद (1) चिडिया (1) चित्र (1) चिमनियों (1) चौराहे (1) छत्तीसगढ़ (1) छाले (1) जंगल (1) जगत (1) जन्मदिन (1) डोली (1) ताऊ शेखावाटी (1) दरबानी (1) दर्द (1) दीपक (1) धरती. (1) नरक चौदस (1) नरेश (1) नागिन (1) निर्माता (1) पतझड़ (1) परदेशी (1) पराकाष्ठा (1) पानी (1) पैगाम (1) प्रणय (1) प्रहरी (1) प्रियतम (1) फाग (1) बटेऊ (1) बाबुल (1) भजन (1) भाषण (1) भूखे (1) भेडिया (1) मन (1) महल (1) महाविनाश (1) माणिक (1) मातृशक्ति (1) माया (1) मीत (1) मुक्तक (1) मृत्यु (1) योगेन्द्र मौदगिल (1) रविकुमार (1) राजस्थानी (1) रातरानी (1) रिंद (1) रोटियां (1) लूट (1) लोकशाही (1) वाणी (1) शहरी (1) शहरीपन (1) शिल्पकार 100 पोस्ट (1) सजना (1) सजनी (1) सज्जनाष्टक (1) सपना (1) सफेदपोश (1) सरगम (1) सागर (1) साजन (1) सावन (1) सोरठा (1) स्वराज करुण (1) स्वाति (1) हरियाली (1) हल (1) हवेली (1) हुक्का (1)
hit counter for blogger
www.hamarivani.com