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भंग का रंग........जोगी जी.... जरा....बच के.....!!!

होली का माहौल बन रहा है. रंग-अबीर-गुलाल और गारी-ठिठोली भी चलेगी जम कर भंग भी घुटेगी और ठंडाई के साथ छनेगी-चढ़ेगी. ऐसे हालत में कभी कभी लोग अपने घर का ही रास्ता भूल जाते हैं या बुरा ना मानो होली है कह के थोड़ी "मौज लेने" के चक्कर में रहते हैं. अगर कहीं फँस गए तो "बुरा ना मानो" के अमोघ मन्त्र का प्रयोग करके बच जायेंगे. अगर कोई बुरा मान गया तो फिर...............जोगी.....रा.......फँस गया...............

जब भंग सर चढ़ जाये, होते उल्टे काम
श्याम लाल के घर में, घुसे होलिया राम
घुसे होलिया राम, जमके लाठियां खाई
सर भी फुट गया, और टांगे भी तुडवाई
कहे "ललित" सुनो, तब नानी याद आये 
कंधों पे पंहुचे घर,जब भंग सर चढ़ जाये

आपका
शिल्पकार

Comments :

18 टिप्पणियाँ to “भंग का रंग........जोगी जी.... जरा....बच के.....!!!”
रानीविशाल ने कहा…
on 

के जोगीरा सर र र र र !! :)
सादर
http://kavyamanjusha.blogspot.com/

Khushdeep Sehgal ने कहा…
on 

शेर सिंह जी ज़रा संभल के...बीस दिन पहले ही होली के सरूर में आ गए...होली वाले दिन तक आपका क्या हाल होगा वही सोच-सोच कर घबरा रहा हूं...

जय हिंद...

गिरिजेश राव, Girijesh Rao ने कहा…
on 

हा हा जोगीरा सर र र र र र।

Gyan Darpan ने कहा…
on 

ललित जी फागण चढ़ग्यो ला ग है :)
बुरा ना मानो होली है कह के थोड़ी "मौज लेने" के चक्कर में रहते हैं.

@ लगता है मौज लेने वाले कोई मौका चूकना नहीं चाहते |

Unknown ने कहा…
on 

ये ब्लोगिंग का नशा भी ऐसा है कि छुट्टी में भी चैन नहीं है।

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…
on 

आप तो अवकाश पर थे, न?

Udan Tashtari ने कहा…
on 

हा हा!!.जोगी जी.... जरा....बच के.....!!!


ई कैसी छुट्टी है भाई कि बीच में टपक पड़े!! :) नहीं न छुटती है ये बिमारी!!

Arvind Mishra ने कहा…
on 

आहा फिर लौट आये ..लागी नाही छूटे रामा ....फागुन फिर कब आये या ना भी आये

मनोज कुमार ने कहा…
on 

होली है भई होली है!!

Yashwant Mehta "Yash" ने कहा…
on 

ललित जी तो अवकाश पर गये थे
फ़ाग की मदमस्त करने वाली हवा में रंग कर आ गये सरकार

Yashwant Mehta "Yash" ने कहा…
on 

ललित जी कौन से कोने से छुपकर कर रहें है ब्लोगिंग???

Unknown ने कहा…
on 

गलत मत समझना ललित जी, मेरा आशय था कि छुट्टी में जाने के पहले पोस्टों को शेड्यूल्ड करना नहीं भूले थे! हा हा

Dev ने कहा…
on 

तो भैया ....भांग न खायो ......बहुत अच्छी रचना

drsatyajitsahu.blogspot.in ने कहा…
on 

होली है
बाबा जी की होली है
चढ़ा ली सबने गोली है

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…
on 

बहुत बढ़िया!!
भांग के नशे से ज्यादा तेज है जी यह ब्लोगिंग का नशा....

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…
on 

अभी तो शिवरात्रि का आनन्‍द है। होली तो अभी दूर है।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…
on 

बहुत बढिया शुरुआत.

रामराम.

मनोज कुमार ने कहा…
on 

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
इसे 13.02.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह ०६ बजे) में शामिल किया गया है।
http://chitthacharcha.blogspot.com/

 

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