इस गीत को मैने लगभग 10 वर्षों पूर्व लिखा था-आज पुन: प्रकाशित कर रहा हूँ, आशा है कि आपको पसंद आएगा।
फूलों से हो लो तुम,जीवन में सुंगध भर लो
महकाओ तन-मन सारा भावों को विमल कर लो
फूलों से हो लो तुम ........................................
वो मालिक सबका हैं ,जिस माली का हैं ये चमन
वो रहता सबमे हैं तुम ,कर लो उसी का मनन
हो जाये सुवासित जीवन ऐसा तो जतन कर लो
फूलों से हो लो तुम.......................................
शुभ कर्मों की पौध लगाओ जीवन के उपवन में
देखो प्रभु को सबमे वो रहता हैं कण-कण में
बन जाओ प्रभु के प्यारे ऐसा तो करम कर लो
फूलों से हो लो तुम......................................
मै कोन?कहाँ से आया ? कर लो इसका चिंतन
जग में रह कर के ,उस दाता से लगा लो लगन
रह कर के कीचड़ में खुद को कमल कर लो
फूलों से हो लो तुम.......................................
वो दाता सबका हैं, दुरजन हो या सूजन
वो पिता सबका हैं, धनवान हो या निरधन
ललित उसमे लगा करके जीवन को सफल कर लो
फूलों से हो लो तुम ........................................
महकाओ तन-मन सारा भावों को विमल कर लो
फूलों से हो लो तुम ........................................
वो मालिक सबका हैं ,जिस माली का हैं ये चमन
वो रहता सबमे हैं तुम ,कर लो उसी का मनन
हो जाये सुवासित जीवन ऐसा तो जतन कर लो
फूलों से हो लो तुम.......................................
शुभ कर्मों की पौध लगाओ जीवन के उपवन में
देखो प्रभु को सबमे वो रहता हैं कण-कण में
बन जाओ प्रभु के प्यारे ऐसा तो करम कर लो
फूलों से हो लो तुम......................................
मै कोन?कहाँ से आया ? कर लो इसका चिंतन
जग में रह कर के ,उस दाता से लगा लो लगन
रह कर के कीचड़ में खुद को कमल कर लो
फूलों से हो लो तुम.......................................
वो दाता सबका हैं, दुरजन हो या सूजन
वो पिता सबका हैं, धनवान हो या निरधन
ललित उसमे लगा करके जीवन को सफल कर लो
फूलों से हो लो तुम ........................................
यहां भी पढें--जीने के लिए समर जारी है यहाँ-
उम्दा संदेश देता गीत..बधाई.
पढ कर मन फूलों सा खिल उठा और हम 'फूल फूल' हो गये। बहुत ही अच्छा सुन्दर सन्देश देता हुया गीत। बधाई आपको
बेहतरीन गीत लिखा था आपने उस समय भी ललित जी.
ज़रा यहाँ भी नज़र घुमाएं!
राष्ट्रमंडल खेल
बढ़िया गीत...........
badhiya geet...sundar sandesh....badhai.
वाह , सुन्दर भाव
ऐसा तो जातां कर लो
में शायद आप जतन लिखना चाह रहे हैं ..
बहुत सुन्दर संदेश देता गीत्।
शुभ कर्मों की पौध लगाओ जीवन के उपवन में
देखो प्रभु को सबमे वो रहता हैं कण-कण में
बन जाओ प्रभु के प्यारे ऐसा तो करम कर लो
फूलों से हो लो तुम....
बहुत अच्छा संदेश देती रचना !!
प्रेरणा देने वाली सुंदर पंक्तियां...आजकल एंसी ही रचनाओं की ज्यादा जरूरत है।
बहुत बढ़िया ...प्रेरक प्रस्तुति
प्रेरणास्पद रचना.
रामराम.
बहुत सुंदर गीत जी, मन भावन धन्यवाद
बहुत सुंदर भाव भरा गीत ! आज भी प्रासंगिक है ! बधाई !
अच्छी पंक्तिया लिखी है ........
इसे पढ़े और अपने विचार दे :-
क्यों बना रहे है नकली लोग समाज को फ्रोड ?.
दुर्गानवमी की शुभकामनाएं।
कविता के माध्यम से सुन्दर सन्देश। आपको और आपके परिवार को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं
फूलों से हो लो तुम,जीवन में सुंगध भर लो
महकाओ तन-मन सारा भावों को विमल कर लो
फूलों से हो लो तुम