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गुगल बाबा

इंडी ब्लागर

 

जीवन में सुगंध भर लो-----फ़ूलों से हो लो तुम ।

 इस गीत को मैने लगभग 10 वर्षों पूर्व लिखा था-आज पुन: प्रकाशित कर रहा हूँ, आशा है कि आपको पसंद आएगा।
फूलों से हो लो तुम,जीवन में सुंगध भर लो
महकाओ तन-मन सारा भावों को विमल कर लो
फूलों से हो लो तुम ........................................

वो मालिक सबका हैं ,जिस माली का हैं ये चमन
वो रहता सबमे हैं तुम ,कर लो उसी का मनन
हो जाये सुवासित जीवन ऐसा तो जतन कर लो
फूलों से हो लो तुम.......................................


शुभ कर्मों की पौध लगाओ जीवन के उपवन में
देखो प्रभु को सबमे वो रहता हैं कण-कण में
बन जाओ प्रभु के प्यारे ऐसा तो करम कर लो
फूलों से हो लो तुम......................................


मै कोन?कहाँ से आया ? कर लो इसका चिंतन
जग में रह कर के ,उस दाता से लगा लो लगन
रह कर के कीचड़ में खुद को कमल कर लो
फूलों से हो लो तुम.......................................


वो दाता सबका हैं, दुरजन हो या सूजन
वो पिता सबका हैं, धनवान हो या निरधन
ललित उसमे लगा करके जीवन को सफल कर लो
फूलों से हो लो तुम ........................................


Comments :

17 टिप्पणियाँ to “जीवन में सुगंध भर लो-----फ़ूलों से हो लो तुम ।”
Udan Tashtari ने कहा…
on 

उम्दा संदेश देता गीत..बधाई.

निर्मला कपिला ने कहा…
on 

पढ कर मन फूलों सा खिल उठा और हम 'फूल फूल' हो गये। बहुत ही अच्छा सुन्दर सन्देश देता हुया गीत। बधाई आपको

Shah Nawaz ने कहा…
on 

बेहतरीन गीत लिखा था आपने उस समय भी ललित जी.


ज़रा यहाँ भी नज़र घुमाएं!
राष्ट्रमंडल खेल

Unknown ने कहा…
on 

बढ़िया गीत...........

arvind ने कहा…
on 

badhiya geet...sundar sandesh....badhai.

शारदा अरोरा ने कहा…
on 

वाह , सुन्दर भाव
ऐसा तो जातां कर लो
में शायद आप जतन लिखना चाह रहे हैं ..

vandana gupta ने कहा…
on 

बहुत सुन्दर संदेश देता गीत्।

संगीता पुरी ने कहा…
on 

शुभ कर्मों की पौध लगाओ जीवन के उपवन में
देखो प्रभु को सबमे वो रहता हैं कण-कण में
बन जाओ प्रभु के प्यारे ऐसा तो करम कर लो
फूलों से हो लो तुम....

बहुत अच्‍छा संदेश देती रचना !!

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…
on 

प्रेरणा देने वाली सुंदर पंक्तियां...आजकल एंसी ही रचनाओं की ज्यादा जरूरत है।

कविता रावत ने कहा…
on 

बहुत बढ़िया ...प्रेरक प्रस्तुति

ताऊ रामपुरिया ने कहा…
on 

प्रेरणास्पद रचना.

रामराम.

राज भाटिय़ा ने कहा…
on 

बहुत सुंदर गीत जी, मन भावन धन्यवाद

बेनामी ने कहा…
on 

बहुत सुंदर भाव भरा गीत ! आज भी प्रासंगिक है ! बधाई !

ओशो रजनीश ने कहा…
on 

अच्छी पंक्तिया लिखी है ........

इसे पढ़े और अपने विचार दे :-
क्यों बना रहे है नकली लोग समाज को फ्रोड ?.

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…
on 

दुर्गानवमी की शुभकामनाएं।

निर्मला कपिला ने कहा…
on 

कविता के माध्यम से सुन्दर सन्देश। आपको और आपके परिवार को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं

Unknown ने कहा…
on 

फूलों से हो लो तुम,जीवन में सुंगध भर लो
महकाओ तन-मन सारा भावों को विमल कर लो
फूलों से हो लो तुम

 

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