कवि रामेश्वर शर्मा जी का एक गीत
साहित्य की थारी
पुस्तक के पृष्ठों में सजी कविता की फ़ुलवारी है
प्यारे शब्द फ़ूलों जैसे पंक्ति क्यारी-क्यारी है।
गीत-गीतिका, कवित्त, सवैया,मुक्तक,छंद कविता
दोहा,सोरठा,चौपाई,कुंडलियाँ, काव्य सरिता
अतुकांत छणिकाओं की ये साध्य रचना प्यारी है।
पुस्तक के पृष्ठों में सजी कविता की फ़ुलवारी है
प्यारे शब्द फ़ूलों जैसे पंक्ति क्यारी-क्यारी है।
व्यथा,क्रांति,उल्लास,संवेदन,अनुसरज व अनुकरण
परिवर्तन,इतिहास,विकास,लिंग,वचन और व्याकरण
बंधी साधना की डोरी, भाषा भावना न्यारी है।
पुस्तक के पृष्ठों में सजी कविता की फ़ुलवारी है
प्यारे शब्द फ़ूलों जैसे पंक्ति क्यारी-क्यारी है।
श्लेष,यमक,पुनरुक्ति प्रकाश शब्द,अर्थ, उभयालंकार
छेका,लाटा,वृत्यानुप्राश,प्रतिकात्मक उपमालंकार
अतिश्योक्ति से अलंकृत करना लेख कविता जारी है।
पुस्तक के पृष्ठों में सजी कविता की फ़ुलवारी है
प्यारे शब्द फ़ूलों जैसे पंक्ति क्यारी-क्यारी है।
हास्य,वीर,अद्भुत,भय,क्रोध,शांत,विभत्स, करुण में
और मिलता श्रंगार बाल्यपन,वाचक व्यंजक लक्षण में
मुख्य पृष्ठ अंतिम तक पुस्तक साहित्य की थारी है।
पुस्तक के पृष्ठों में सजी कविता की फ़ुलवारी है
प्यारे शब्द फ़ूलों जैसे पंक्ति क्यारी-क्यारी है।
साहित्य की थारी
ब्लॉ.ललित शर्मा, शनिवार, 7 अगस्त 2010
लेबल:
रामेश्वर शर्मा,
ललित शर्मा,
शिल्पकार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
kavi rameshwar ji ko naman
बिल्कुल अपठनीय और गद्यमय होते जा रहे काव्य परिदृश्य पर कवि रामेश्वर शर्मा जी की यह कविता इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि वे कविता की मूलभूत विशेषताओं को प्रस्तुत करते हुए उन्होंने लयात्मकता बरकरार रखी है। इस कविता में उपस्थित लयात्मकता इसे दीर्घ जीवन प्रदान करती है।
काव्य को विश्लेषित करती सुन्दर रचना
अति सुंदर रचना धन्यवाद
गज़ब कर दिया बिल्कुल अलग अन्दाज़्।
बहुत सुंदर रचना.
रामराम
बेहतर...
बहुत सुंदर रचना.
सुन्दर कविता के लिए रामेश्वर शर्मा जी को नमन.