बढिया है ..छोटी सी .. अहसास भरी .;बधाई !!
बढिया है ..छोटी सी .. अहसास भरी .;
खूब गढ़ा है.
तुम नहीं तुम्हारा अहसास ही सही पास नहीं आसपास ही सही...बहुत खूबसूरत समर्पण भरे अहसास... शुभकामनाये
दर्द छुपा है इस शिल्प में ...सुंदर रचना ...
सच यादें ही अच्छी !
तुमसे तो तुम्हारी याद ही अच्छी है ,उफ़्फ़ जो ये कह दी आपने बात ही अच्छी है ..शिल्पकार को हमारा अभिवादन
वाह सच मे याद ही अच्छी होती है कम से कम आस पास तो होती है।
कविता का रूप देखकर लगता है वो ‘अंटिला’ में छुपी है :)
जी ये हम ही हैं.. बहुत खूबसूरत शर्मा जी वाह......
एक टिप्पणी भेजें
बढिया है ..
छोटी सी .. अहसास भरी .;
बधाई !!
बढिया है ..
छोटी सी .. अहसास भरी .;
खूब गढ़ा है.
तुम नहीं तुम्हारा अहसास ही सही
पास नहीं आसपास ही सही...
बहुत खूबसूरत समर्पण भरे अहसास... शुभकामनाये
दर्द छुपा है इस शिल्प में ...
सुंदर रचना ...
सच यादें ही अच्छी !
तुमसे तो तुम्हारी याद ही अच्छी है ,
उफ़्फ़ जो ये कह दी आपने बात ही अच्छी है ..
शिल्पकार को हमारा अभिवादन
वाह सच मे याद ही अच्छी होती है कम से कम आस पास तो होती है।
कविता का रूप देखकर लगता है वो ‘अंटिला’ में छुपी है :)
जी ये हम ही हैं..
बहुत खूबसूरत शर्मा जी वाह......