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इंडी ब्लागर

 

हाथ सेक रहे हैं चिताओं पर !!!

देश की हालत दिनों दिन ख़राब होती जा रही है. सियासत में सब अपना स्वार्थ देख रहे हैं महंगाई आसमान छु रही है. विकास की बातें बेमानी हो रही हैं. अब तो एक समय का खाना भी जुटाना मुश्किल हो गया है. पर कब चेतेगी सरकार.

(1)


देश
की प्रगति
और विकास
सायकिल से
मंगल पर
जाने का प्रयास


(2)


मचा
सियासी दंगल
सर्दी में
गर्मी का मजा
हाथ सेक रहे हैं
चिताओं पर

आपका
शिल्पकार,

Comments :

12 टिप्पणियाँ to “हाथ सेक रहे हैं चिताओं पर !!!”
पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…
on 

ललित जी सुन्दर मुत्तक , मगर मैं समझता हूँ कि पहले वाले में मंगल " पर" और जाने "का" प्रयास शब्द छोड़ गए शायद !

Unknown ने कहा…
on 

एकदम सही अवलोकन है आपका ललित जी!

समय चक्र ने कहा…
on 

मंहगाई की आग में गरीब झुलस रहे है
और सियासी हुक्मरान मौज फरमा रहे है.
सत्य वचन महाराज जी,,,,,,कम शब्दों में अच्छी रचना

समय चक्र ने कहा…
on 

कम शब्दों में अच्छी रचना...

मनोज कुमार ने कहा…
on 

कम शब्दों में बड़ी बात।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…
on 

बहुत सुन्दर!
बढ़िया क्षणिकाएँ हैं!

राज भाटिय़ा ने कहा…
on 

मचा
सियासी दंगल
सर्दी में
गर्मी का मजा
हाथ सेक रहे हैं
चिताओं पर
बहुत ही सटीक, आज के हालात पर.
धन्यवाद

36solutions ने कहा…
on 

हाथ सेक रहे चिताओं पर ..... गहरी अभिव्यक्ति भाई.

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…
on 

गोदियाल जी-सुधार दि्या है, क्षमा चाहुंगा।

Khushdeep Sehgal ने कहा…
on 

चांद, मंगल पर पानी खोजने के लिए मरे जा रहे हैं...

अरे पहले भारत में हर घर में पीने का साफ पानी तो पहले पहुंचा दो...

जय हिंद...

Udan Tashtari ने कहा…
on 

बहुत मारक!

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…
on 

वाह jee shilpkaar
आज kisko है in cheejon ki darkaar
sab hajam ho jata है ati tak nahi dakar
chinta mat kariye apki vaani nahi jayegi bekar

 

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