काल के कपाल पर नित प्रहार करेंगे,
हम सिपाही है दुश्मन से नही डरेंगे ।
देगें ईंट का जवाब उनको गोलों से,
हम बर्फ़ के नहीं है जो आग से डरेंगे।
जिनकी पीढियाँ करते आई युद्ध यहां,
हमेशा कफ़न बांध कर वो ही लड़ेगें ।
युद्ध का मैदान सजा छोड़ रहा अर्जुन,
सोचता था मेरे अपने ही यहाँ मरेंगे।
समझाया कृष्ण ने सुन ले मेरी पार्थ,
तुम नही लड़ोगे तो अपने आप मरेंगे।
"शिल्पकार"रण छोड़ जाएगा न कभी,
दुश्मन की छाती पर हम मुंग दलेगें।
आपका
शिल्पकार
देगें ईंट का जवाब उनको गोलों से-------ललित शर्मा
ब्लॉ.ललित शर्मा, शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010
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