मै अनपढ
मिला तुमसे तो
सीख गया पढना
चेहरे के भाव
जो सपाट लगते थे
स्वयं कह देते हैं
बिना कहे ही
और मैं पढ लेता हूँ
तुम्हारे अंतरमन की
साक्षर हो गया हूँ
तुम्हारी एक मुस्कान
छा जाती है नभ बनकर
खामोशी तुम्हारी
मेघों में भरा हुआ वर्षा जल
गर्भ धारण कर रखा हो उसने
हिरण्यमयी गर्भ
वर्षा उपरांत
उजास फ़ैलाने के लिए
मै पढना सीख गया हूँ