शिल्पकार. Blogger द्वारा संचालित.

चेतावनी

इस ब्लॉग के सारे लेखों पर अधिकार सुरक्षित हैं इस ब्लॉग की सामग्री की किसी भी अन्य ब्लॉग, समाचार पत्र, वेबसाईट पर प्रकाशित एवं प्रचारित करते वक्त लेखक का नाम एवं लिंक देना जरुरी हैं.
रफ़्तार
स्वागत है आपका

गुगल बाबा

इंडी ब्लागर

 

लोग पढ़ लेते हैं दिल का हाल आँखों से!

यह गजल २४ जनवरी १९८५ को लिखी गई थी.आज आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ.

मेरे  प्यार  को तुम  ज़माने से छिपा कर रखना
इत्र की खुशबु की तरह सांसों में बसा कर रखना 


कहते हैं  लोग पढ़ लेते हैं दिल का हाल आँखों से
हया  का   परदा  इन आँखों पर गिरा कर रखना


इस  ज़माने  ने क्या  दिया  है  शिवा  रुसवाई के
इसकी  नज़रों   से  हर  बात  छिपा  कर  रखना


चलते   हुए   तुम्हारे  कदम   डगमगा  सकते हैं 
कदमो   को   मंजिल   की   आस  बंधाये  रखना

रो  रो  के  आज  जो  सुन रहे हैं हँसेंगे कल यही 
दिल  के  हर  दर्द  को  होठों  से  दबा  कर रखना


झुलस ना जाये कहीं प्यार का ये सुमन"ललित"
तेज  नफ़रत की आंधियों से इसे बचाकर रखना

आपका
शिल्पकार

Comments :

14 टिप्पणियाँ to “लोग पढ़ लेते हैं दिल का हाल आँखों से!”
श्यामल सुमन ने कहा…
on 

इतनी पुरानी रचना और ये तेवर? कमाल है ललित भाई। वाह वाह।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

Udan Tashtari ने कहा…
on 

कहते हैं लोग पढ़ लेते हैं दिल का हाल आँखों से
हया का परदा इन आँखों पर गिरा कर रखना


-गजब ढहा दोगे भाई..काहे इत्ता प्रीकॉशन...मस्त गज़ल!!

Arvind Mishra ने कहा…
on 

बहुत उम्दा बस शिवा को सिवा कर दें और ऐसा भी काहें घबरा रहे हैं !

निर्मला कपिला ने कहा…
on 

कहते हैं लोग पढ़ लेते हैं दिल का हाल आँखों से
हया का परदा इन आँखों पर गिरा कर रखना
बहुत खूब शुभकामनायें

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…
on 

old is gold..laazwaab rachana,,purani peti khol dijiye kuch aur bhi behtareen rachnaye mil jayegi..aabhar..

Kusum Thakur ने कहा…
on 

वाह !
बहुत सुन्दर रचना , शुभकामनाएं !!

Unknown ने कहा…
on 

"इत्र की खुशबु की तरह सांसों में बसा कर रखना"

हमारी साँसों में आज तक वो
हिना की खुशबू महक रही है
लबों पे नगमें मचल रहे हैं
नज़र से मस्ती झलक रही है

शरद कोकास ने कहा…
on 

अय हय 25 साल से बचा कर रखा है इस खुशबू को ..क्या बात है ।

Khushdeep Sehgal ने कहा…
on 

ललित भाई,
आज राज़ खोल ही दिया...दिल और गज़ल के मामले में आप पुराने पापी हैं...

जय हिंद...

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…
on 

Achhi Rachna....

par aap hain kahan..?
main to paan ki dukaan par khada hoon....

अजय कुमार झा ने कहा…
on 

वाह वाह का बात है शर्मा जी ...का का न कह दिए आज तो ...सुभान अल्लाह

vandana gupta ने कहा…
on 

कहते हैं लोग पढ़ लेते हैं दिल का हाल आँखों से
हया का परदा इन आँखों पर गिरा कर रखना
रो रो के आज जो सुन रहे हैं हँसेंगे कल यही
दिल के हर दर्द को होठों से दबा कर रखना

ek bahut hi khoobsoorat dil ko chhoo lene wali rachna..........waah waah waah!

pls visit at://vandana-zindagi.blogspot.com

Unknown ने कहा…
on 

bhaai kamaal kar diya

man prasann ho gaya


__achhi rachna !

कडुवासच ने कहा…
on 

... बेहद प्रसंशनीय गजल, दो शेर तो कमाल के हैं !!!!!

 

लोकप्रिय पोस्ट

पोस्ट गणना

FeedBurner FeedCount

यहाँ भी हैं

ईंडी ब्लागर

लेबल

शिल्पकार (94) कविता (65) ललित शर्मा (56) गीत (8) होली (7) -ललित शर्मा (5) अभनपुर (5) ग़ज़ल (4) माँ (4) रामेश्वर शर्मा (4) गजल (3) गर्भपात (2) जंवारा (2) जसगीत (2) ठाकुर जगमोहन सिंह (2) पवन दीवान (2) मुखौटा (2) विश्वकर्मा (2) सुबह (2) हंसा (2) अपने (1) अभी (1) अम्बर का आशीष (1) अरुण राय (1) आँचल (1) आत्मा (1) इंतजार (1) इतिहास (1) इलाज (1) ओ महाकाल (1) कठपुतली (1) कातिल (1) कार्ड (1) काला (1) किसान (1) कुंडलियाँ (1) कुत्ता (1) कफ़न (1) खुश (1) खून (1) गिरीश पंकज (1) गुलाब (1) चंदा (1) चाँद (1) चिडिया (1) चित्र (1) चिमनियों (1) चौराहे (1) छत्तीसगढ़ (1) छाले (1) जंगल (1) जगत (1) जन्मदिन (1) डोली (1) ताऊ शेखावाटी (1) दरबानी (1) दर्द (1) दीपक (1) धरती. (1) नरक चौदस (1) नरेश (1) नागिन (1) निर्माता (1) पतझड़ (1) परदेशी (1) पराकाष्ठा (1) पानी (1) पैगाम (1) प्रणय (1) प्रहरी (1) प्रियतम (1) फाग (1) बटेऊ (1) बाबुल (1) भजन (1) भाषण (1) भूखे (1) भेडिया (1) मन (1) महल (1) महाविनाश (1) माणिक (1) मातृशक्ति (1) माया (1) मीत (1) मुक्तक (1) मृत्यु (1) योगेन्द्र मौदगिल (1) रविकुमार (1) राजस्थानी (1) रातरानी (1) रिंद (1) रोटियां (1) लूट (1) लोकशाही (1) वाणी (1) शहरी (1) शहरीपन (1) शिल्पकार 100 पोस्ट (1) सजना (1) सजनी (1) सज्जनाष्टक (1) सपना (1) सफेदपोश (1) सरगम (1) सागर (1) साजन (1) सावन (1) सोरठा (1) स्वराज करुण (1) स्वाति (1) हरियाली (1) हल (1) हवेली (1) हुक्का (1)
hit counter for blogger
www.hamarivani.com