शिल्पकार. Blogger द्वारा संचालित.

चेतावनी

इस ब्लॉग के सारे लेखों पर अधिकार सुरक्षित हैं इस ब्लॉग की सामग्री की किसी भी अन्य ब्लॉग, समाचार पत्र, वेबसाईट पर प्रकाशित एवं प्रचारित करते वक्त लेखक का नाम एवं लिंक देना जरुरी हैं.
रफ़्तार
स्वागत है आपका

गुगल बाबा

इंडी ब्लागर

 

घुटने टेक देने से जीत नहीं होती !

लड़ो,  भिड़ो,   श्रम   करो, संघर्ष करो 
घुटने   टेक   देने   से जीत नहीं होती 


खुरचते  रहो, छिलते  रहो, काटते रहो
समर्पण  करने  से   जीत  नहीं  होती


झोंको,  तोड़ो,  काँटों को उखाड़ फेंको
हाथ  खड़े  करने से  जीत  नहीं  होती


बिना  चैन डटे रहो अंतिम साँस तक
डरके   भागने   से   जीत  नहीं होती


छोड़ते नहीं शिकारी सोई चिड़िया को
हार  मानकर सोने से जीत नहीं होती
 
आपका 
शिल्पकार

Comments :

8 टिप्पणियाँ to “घुटने टेक देने से जीत नहीं होती !”
Udan Tashtari ने कहा…
on 

छोड़ते नहीं शिकारी सोई चिड़िया को
हार मानकर सोने से जीत नहीं होती


-जबरद्स्त उत्साह!! वाह!!

Unknown ने कहा…
on 

बहुत बढ़िया लिखे हस महराज!

prashant ने कहा…
on 

अच्छा लिखा है

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…
on 

ललित जी ,एकदम सही बात कविता के माध्यम से,
गिरते है .. वो क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते है

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…
on 

बहुत ही ओजपूर्ण कविता है। बधाई।
------------------
सांसद/विधायक की बात की तनख्वाह लेते हैं?
अंधविश्वास से जूझे बिना नारीवाद कैसे सफल होगा ?

M VERMA ने कहा…
on 

हाथ खड़े करने से जीत नहीं होती
सुन्दर और प्रेरक रचना.

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…
on 

हौसला कभी कम ना हो,
दिल में कोई गम ना हो,

जिंदगी तो संघर्ष का नाम है,
लड़ते रहो जीत जाओगे..

बढ़िया प्रस्तुति...आभार

राज भाटिय़ा ने कहा…
on 

छोड़ते नहीं शिकारी सोई चिड़िया को
हार मानकर सोने से जीत नहीं होती
ललित जी बहुत सुंदर रचना

 

लोकप्रिय पोस्ट

पोस्ट गणना

FeedBurner FeedCount

यहाँ भी हैं

ईंडी ब्लागर

लेबल

शिल्पकार (94) कविता (65) ललित शर्मा (56) गीत (8) होली (7) -ललित शर्मा (5) अभनपुर (5) ग़ज़ल (4) माँ (4) रामेश्वर शर्मा (4) गजल (3) गर्भपात (2) जंवारा (2) जसगीत (2) ठाकुर जगमोहन सिंह (2) पवन दीवान (2) मुखौटा (2) विश्वकर्मा (2) सुबह (2) हंसा (2) अपने (1) अभी (1) अम्बर का आशीष (1) अरुण राय (1) आँचल (1) आत्मा (1) इंतजार (1) इतिहास (1) इलाज (1) ओ महाकाल (1) कठपुतली (1) कातिल (1) कार्ड (1) काला (1) किसान (1) कुंडलियाँ (1) कुत्ता (1) कफ़न (1) खुश (1) खून (1) गिरीश पंकज (1) गुलाब (1) चंदा (1) चाँद (1) चिडिया (1) चित्र (1) चिमनियों (1) चौराहे (1) छत्तीसगढ़ (1) छाले (1) जंगल (1) जगत (1) जन्मदिन (1) डोली (1) ताऊ शेखावाटी (1) दरबानी (1) दर्द (1) दीपक (1) धरती. (1) नरक चौदस (1) नरेश (1) नागिन (1) निर्माता (1) पतझड़ (1) परदेशी (1) पराकाष्ठा (1) पानी (1) पैगाम (1) प्रणय (1) प्रहरी (1) प्रियतम (1) फाग (1) बटेऊ (1) बाबुल (1) भजन (1) भाषण (1) भूखे (1) भेडिया (1) मन (1) महल (1) महाविनाश (1) माणिक (1) मातृशक्ति (1) माया (1) मीत (1) मुक्तक (1) मृत्यु (1) योगेन्द्र मौदगिल (1) रविकुमार (1) राजस्थानी (1) रातरानी (1) रिंद (1) रोटियां (1) लूट (1) लोकशाही (1) वाणी (1) शहरी (1) शहरीपन (1) शिल्पकार 100 पोस्ट (1) सजना (1) सजनी (1) सज्जनाष्टक (1) सपना (1) सफेदपोश (1) सरगम (1) सागर (1) साजन (1) सावन (1) सोरठा (1) स्वराज करुण (1) स्वाति (1) हरियाली (1) हल (1) हवेली (1) हुक्का (1)
hit counter for blogger
www.hamarivani.com