आज होली का त्यौहार है..........होलिका की दहन की तैयारी हो रही है..........बस आज रात नगाड़े कुछ जोर पर रहेंगे फाग अपनी चरम सीमा पर .................और कल होली के रंग गुलाल की बौछार होने वाली है आज ट्रैफिक भी जाम रहेगा.....लोग जल्द से जल्द अपने घर पहुँचने की कोशिश में रहेंगे किसी हादसे से बचने के लिए आप भी सुरक्षित होली मनाएं....सभी भाइयों और बहनों को होली की हार्दिक शुभ कामनाएं, मैंने होली पर एक कविता लिखी थी और सौभाग्य से आज मेरे साथ कवि योगेन्द्र मौदगिल जी भी हैं उन्होंने इसे संवारा है............अब विशेषतौर पर आपके लिए प्रस्तुत है... ...... आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनायें.....
जब चौपाल में बजे नगाड़े और हँसे हमजोली
जब कोयलिया ने भी अपनी तान सुरीली खोली
तभी समझना यार आ गयी है मस्तानी होली
आँख आँख जब सजे इशारे और बुलावा आये
आँगन आंगन बिखर चांदनी अपना रंग दिखाए
झर झर झर झर मधु रस टपके और अमृत घोली
तभी समझना यार आ गयी है मस्तानी होली
जब खिड़की से वह लटकाए ऊपर चढ़ने डोरी
तुलसीदास की रत्ना जैसी लगती है तब गोरी
देख खुला दरवाजा चोरों की भी नियत डोली
तभी समझना यार आ गयी है मस्तानी होली
जब ऋतुराज ने रंगों वाली बड़ी पिटारी खोली
भांग चढ़ा कर जब वो बोले मीठी मीठी बोली
सारा दिन मदमस्त रहे जब सूझे नई ठिठोली
तभी समझना यार आ गयी है मस्तानी होली
आपका
शिल्पकार