शिल्पकार. Blogger द्वारा संचालित.

चेतावनी

इस ब्लॉग के सारे लेखों पर अधिकार सुरक्षित हैं इस ब्लॉग की सामग्री की किसी भी अन्य ब्लॉग, समाचार पत्र, वेबसाईट पर प्रकाशित एवं प्रचारित करते वक्त लेखक का नाम एवं लिंक देना जरुरी हैं.
रफ़्तार
स्वागत है आपका

गुगल बाबा

इंडी ब्लागर

 

मुआवजे का नमक!!

आज एक कविता फिर पुरानी डायरी से लिख रहा हूँ. इस पर डॉ. के.डी.सारस्वत ने अपनी कलम चलाई थी. आज से ६ वर्ष पूर्व उनकी हत्या स्नातक महाविद्यालय के प्राचार्य पद पर रहते हुए कर दी गई थी. अब उनकी यादें ही शेष है.

श्मशान 
सिर्फ श्मशान
जहाँ एक भयावह चुप्पी 
और नीरवता रहती है
घनघोर अँधेरे से 
अपनी बात कहती है
श्मशान की चार दीवारी से
लगा बहता है एक नाला
नाला नहीं 
दुखो और आंसुओं का सैलाब
देखी है उसने चिताए खुशियों की  
जहाँ दफन हैं गुलाब
एक बेशरम का झुण्ड
उसके साथ कुछ नरमुंड
जाता रहे थे सहानुभूति
साथ लाये थे 
मुआवजे का नमक
रिसते जख्मो पर मलने के लिए
तड़फते सिसकते लोगों, 
परिजनों के बीच 
बेशर्मी से खड़े हैं.
वोटों की राजनीति ने
इन्हें आदमी से 
हैवान बना डाला
मैं सोच रहा था.
इनको कभी श्मशान बैराग
क्यों नहीं व्यापता?
बस एक प्रश्न करता हूँ
कितनी हुयी विधवाएं?
कितने हुए अनाथ?
क्यों आये शमशान में?
एक प्रश्न चिन्ह है साथ.


(बेशरम= हमारे यहाँ उगने वाली एक तरह की झाड़ी है. जो काट कर फेंक देने से कहीं पर भी अपनी जड़ें जमा लेती है.)


आपका
शिल्पकार, 
  

Comments :

16 टिप्पणियाँ to “मुआवजे का नमक!!”
Udan Tashtari ने कहा…
on 

बहुत गहरी और प्रभावपूर्ण रचना...

Gyan Darpan ने कहा…
on 

बहुत शानदार रचना |

Unknown ने कहा…
on 

"साथ लाये थे
मुआवजे का नमक
रिसते जख्मो पर मलने के लिए
तड़फते सिसकते लोगों,
परिजनों के बीच
बेशर्मी से खड़े हैं.
वोटों की राजनीति ने
इन्हें आदमी से
हैवान बना डाला"

वाह!

Smart Indian ने कहा…
on 

कविता अपने भाव का पूर्ण दर्शन करा रही है.
लोहड़ी की बधाई!

निर्मला कपिला ने कहा…
on 

bahut gaharee bhaavapoorN racanaa ke liye dhanyavaad lohaDee kee shubhakaamanaayeM

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…
on 

वोटों की राजनीति ने
इन्हें आदमी से
हैवान बना डाला
मैं सोच रहा था.
इनको कभी श्मशान बैराग
क्यों नहीं व्यापता?
बस एक प्रश्न करता हूँ
कितनी हुयी विधवाएं?
कितने हुए अनाथ?
क्यों आये शमशान में?
एक प्रश्न चिन्ह है साथ.
Bahut khoob !

ताऊ रामपुरिया ने कहा…
on 

बहुत गहन अभिव्यक्ति.

रामराम.

vandana gupta ने कहा…
on 

bahut gahan abhivyakti.

मनोज कुमार ने कहा…
on 

साथ लाये थे
मुआवजे का नमक
रिसते जख्मो पर मलने के लिए
बेबाकी तथा साफगोई का बयान ...

राज भाटिय़ा ने कहा…
on 

बहुत अच्छी रचना,

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…
on 

गंभीर सोच!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…
on 

बहुत ही सार्थक लेखन!
लोहिड़ी पर्व और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ!

अविनाश वाचस्पति ने कहा…
on 

शमशान पर भी गुलाब
लाल टपक रहे हैं।

36solutions ने कहा…
on 

सुन्दर भावाभिव्यक्ति भाई
.


सकरायेत तिहार के गाडा गाडा बधई.

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…
on 

बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति
वोट में ही तो खोट है
जहाँ देखो वहाँ लूट खसोट है
किसको पड़ी है किसी के जान की
बस फिक्र है तो अपनी "शान" की

ले फेर सकरायेत के बधाई
अउ ए साल फेर जम्मो झन कब
संकराबो (संघरबो)?

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…
on 

बहुत शानदार कविता. धन्यवाद.

 

लोकप्रिय पोस्ट

पोस्ट गणना

FeedBurner FeedCount

यहाँ भी हैं

ईंडी ब्लागर

लेबल

शिल्पकार (94) कविता (65) ललित शर्मा (56) गीत (8) होली (7) -ललित शर्मा (5) अभनपुर (5) ग़ज़ल (4) माँ (4) रामेश्वर शर्मा (4) गजल (3) गर्भपात (2) जंवारा (2) जसगीत (2) ठाकुर जगमोहन सिंह (2) पवन दीवान (2) मुखौटा (2) विश्वकर्मा (2) सुबह (2) हंसा (2) अपने (1) अभी (1) अम्बर का आशीष (1) अरुण राय (1) आँचल (1) आत्मा (1) इंतजार (1) इतिहास (1) इलाज (1) ओ महाकाल (1) कठपुतली (1) कातिल (1) कार्ड (1) काला (1) किसान (1) कुंडलियाँ (1) कुत्ता (1) कफ़न (1) खुश (1) खून (1) गिरीश पंकज (1) गुलाब (1) चंदा (1) चाँद (1) चिडिया (1) चित्र (1) चिमनियों (1) चौराहे (1) छत्तीसगढ़ (1) छाले (1) जंगल (1) जगत (1) जन्मदिन (1) डोली (1) ताऊ शेखावाटी (1) दरबानी (1) दर्द (1) दीपक (1) धरती. (1) नरक चौदस (1) नरेश (1) नागिन (1) निर्माता (1) पतझड़ (1) परदेशी (1) पराकाष्ठा (1) पानी (1) पैगाम (1) प्रणय (1) प्रहरी (1) प्रियतम (1) फाग (1) बटेऊ (1) बाबुल (1) भजन (1) भाषण (1) भूखे (1) भेडिया (1) मन (1) महल (1) महाविनाश (1) माणिक (1) मातृशक्ति (1) माया (1) मीत (1) मुक्तक (1) मृत्यु (1) योगेन्द्र मौदगिल (1) रविकुमार (1) राजस्थानी (1) रातरानी (1) रिंद (1) रोटियां (1) लूट (1) लोकशाही (1) वाणी (1) शहरी (1) शहरीपन (1) शिल्पकार 100 पोस्ट (1) सजना (1) सजनी (1) सज्जनाष्टक (1) सपना (1) सफेदपोश (1) सरगम (1) सागर (1) साजन (1) सावन (1) सोरठा (1) स्वराज करुण (1) स्वाति (1) हरियाली (1) हल (1) हवेली (1) हुक्का (1)
hit counter for blogger
www.hamarivani.com