शिल्पकार. Blogger द्वारा संचालित.

चेतावनी

इस ब्लॉग के सारे लेखों पर अधिकार सुरक्षित हैं इस ब्लॉग की सामग्री की किसी भी अन्य ब्लॉग, समाचार पत्र, वेबसाईट पर प्रकाशित एवं प्रचारित करते वक्त लेखक का नाम एवं लिंक देना जरुरी हैं.
रफ़्तार
स्वागत है आपका

गुगल बाबा

इंडी ब्लागर

 

कैसे मै ओढूँ राम चदरिया.........




कैसे   मै  ओढूँ राम चदरिया...................................
पाप की गठरी सर पे धर के कैसे आऊं मै तेरी दुवरिया
कैसे   मै  ओढूँ  राम चदरिया...................................

जो  चोला   तुने   दिया   था,   वो   मैला   कर   डाला 
पाप   कर्म   कर  के    निस दिन ,ना  देखा  ना   भाला
रार  ठान  कर  बैर   पाल  कर,  करता    रहा   बुरईया
कैसे मै  ओढूँ राम चदरिया.....................................

झूठ पाखंड कपट करने में, मुझको बड़ा  ही  रस  आया
माया नगरी  की चक मक  ने, निस दिन ही  भरमाया 
तन भी मैला,मन भी मैला,कैसे आऊं मैं तेरी नगरिया
कैसे मै ओढूँ राम चदरिया......................................

राम रतन ही असली  रतन  है, बाकी सब  रतन  झूठे 
कांकर   पत्थर   सकेल   रहा  है, करम  ही  तेरे   फूटे 
राम  रतन  ही  श्रेष्ठ रतन  है, कर ले उसे ही सांवरिया 
कैसे मै  ओढूँ राम चदरिया.....................................

आपका
शिल्पकार



(फोटो गूगल से साभार)




Comments :

2 टिप्पणियाँ to “कैसे मै ओढूँ राम चदरिया.........”
kshama ने कहा…
on 

Ham sabhee apna chola maila kar lete hain...nihayat achha prastutee karan!
2 geet yaad dila diye:
"laga chunree me daag"
Tatha
" maai ree..."! aapkee rachna me geytaa bhee hai..

Asha Joglekar ने कहा…
on 

बहुत सुंदर, इसे तो तरन्नुम में गाया जा सकता है और ऊँचे दरजे का भजन है ।

 

लोकप्रिय पोस्ट

पोस्ट गणना

FeedBurner FeedCount

यहाँ भी हैं

ईंडी ब्लागर

लेबल

शिल्पकार (94) कविता (65) ललित शर्मा (56) गीत (8) होली (7) -ललित शर्मा (5) अभनपुर (5) ग़ज़ल (4) माँ (4) रामेश्वर शर्मा (4) गजल (3) गर्भपात (2) जंवारा (2) जसगीत (2) ठाकुर जगमोहन सिंह (2) पवन दीवान (2) मुखौटा (2) विश्वकर्मा (2) सुबह (2) हंसा (2) अपने (1) अभी (1) अम्बर का आशीष (1) अरुण राय (1) आँचल (1) आत्मा (1) इंतजार (1) इतिहास (1) इलाज (1) ओ महाकाल (1) कठपुतली (1) कातिल (1) कार्ड (1) काला (1) किसान (1) कुंडलियाँ (1) कुत्ता (1) कफ़न (1) खुश (1) खून (1) गिरीश पंकज (1) गुलाब (1) चंदा (1) चाँद (1) चिडिया (1) चित्र (1) चिमनियों (1) चौराहे (1) छत्तीसगढ़ (1) छाले (1) जंगल (1) जगत (1) जन्मदिन (1) डोली (1) ताऊ शेखावाटी (1) दरबानी (1) दर्द (1) दीपक (1) धरती. (1) नरक चौदस (1) नरेश (1) नागिन (1) निर्माता (1) पतझड़ (1) परदेशी (1) पराकाष्ठा (1) पानी (1) पैगाम (1) प्रणय (1) प्रहरी (1) प्रियतम (1) फाग (1) बटेऊ (1) बाबुल (1) भजन (1) भाषण (1) भूखे (1) भेडिया (1) मन (1) महल (1) महाविनाश (1) माणिक (1) मातृशक्ति (1) माया (1) मीत (1) मुक्तक (1) मृत्यु (1) योगेन्द्र मौदगिल (1) रविकुमार (1) राजस्थानी (1) रातरानी (1) रिंद (1) रोटियां (1) लूट (1) लोकशाही (1) वाणी (1) शहरी (1) शहरीपन (1) शिल्पकार 100 पोस्ट (1) सजना (1) सजनी (1) सज्जनाष्टक (1) सपना (1) सफेदपोश (1) सरगम (1) सागर (1) साजन (1) सावन (1) सोरठा (1) स्वराज करुण (1) स्वाति (1) हरियाली (1) हल (1) हवेली (1) हुक्का (1)
hit counter for blogger
www.hamarivani.com